देखा तुझे तो जाना ये
दिल में नहीं था कोई गम,
खुशियाँ भी थीं मुझे भरपूर,
फिर भी अधूरा था जीवन,
देखा तुझे तो जाना ये।
अपनी मस्ती में ही जीता,
मन करा तो जरा-२ पीता,
यह सब तो बस मिथ्या थी,
देखा तुझे तो जाना ये।
सारा संसार ये था मेरा,
उत्तर दक्षिण, पूरब पश्चिम,
अधूरा था कितना बिन तेरे,
देखा तुझे तो जाना ये।
जीत बहुत सी मिलीं मुझे,
बहुत इनां मैंने जीते,
ख़ुशी जीत की होती क्या,
देखा तुझे तो जाना ये।
गुस्सा हमेशा रहा खड़ा,
हर किसी से जा-२ के मैं लड़ा,
बिन लड़े हारने में भी मज़ा,
देखा तुझे तो जाना ये।
अपनी बुद्धि पे बड़ा ताब,
अपनी प्रशंसा आपों आप,
बनके पगला फिरना कैसा,
देखा तुझे तो जाना ये।
था सब कुछ, पर कुछ कम,
न कहने वाला कोई सनम,
आँखों की नमीं क्या होती,
देखा तुझे तो जाना ये।
Leave a Reply