Archive for August 2020
एक याद पुरानी आयी मुझे
एक याद पुरानी आयी मुझे,
एक किस्सा भूली बातों का,
जब चाँदनी छन-छन रोशन,
औ गुस्ताखी माफ़ आखों की|
नज़रों के पहरे साफ़ हुए,
चुनरी में लागे दाग हुए,
चादर का कोना ओढे वो,
संग गिनती करते पूरे सौ|
छुप छुप के मिलना सब से,
पहरों का ओझल आँखों में ,
बातें भी ख़तम ना होती थी,
रातें भी सितम न खोती थीं|
उन उलझे उलझे बालों से,
उन लाल लजाते गालों से,
खिड़की पे बैठे सवालों से,
एक याद पुरानी आयी मुझे| |
