ArpitGarg's Weblog

An opinion of the world around me

कौन है तू

leave a comment »

रात को आग़ोश में लेने दो,
सुबह को ख्वाब ही रहने दो,
ऐ यार तेरे खुमार में हूँ,
मुझे इस प्यार में डूबा रहने दो|
 
भूख प्यास कोई ना लगती,
सुनता था तो हँसता था में,
पर भूख मरी, जब प्यास मरी जब,
हर पल आहें भरता था में|
 
आँख बचाकर, आँख मिलाना,
अहसासों पर काबू पाना,
सुनने में  ही लगता है,
पर होता नहीं है आसां ये|
 
नींद गयी है, चैन गया है,
तारों की गिनती करता हूँ,
सुबह को कैसे उठ जाऊं में,
रात को सोता कौन सा हूँ|
 
वो पल्लू जो पहिये में अटक गया,
मेरा मन भी उसमें लिपटा  था,
तूने जो फाड़ के फैंका था,
पत्र नहीं वो, दिल था मेरा|
 
माना, किस्मत मेरी खोत्ती है,
पर ज्यादा गुलामी ना होती है,
हाँ कर देगी तो मेरी है,
ना कर दे जो, मर्ज़ी तेरी|
 जीवन का पहिया चलता है,
आगे को, बस आगे को|
 
हसीन सा ख्व़ाब, तू आयी थी,
पर नींद तो टूट ही जाती है,
ओर दिल भी जुड़ ही जाता है,
होगा, किस्मत को जो है मंज़ूर,
कौन हूँ में, कौन है तू ||

Written by arpitgarg

May 11, 2011 at 7:41 pm

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: