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पहला प्यार

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क्या हुआ है दिल को आज,
इसने बजाया है वही पुराना साज,
जब हमने पहली बार किसी को था दिल दिया,
पर हाय री बेवफ़ा, उसने हमें शायर बना दिया|
 
प्रेम के प्रकाश से हमारी आँखें थीं चुंधियाई,
इसी जूनून ने हमारी आखरी सांसें थीं निकलवाईं,
उसकी हिरनी जैसी चाल पर थे हम मिटे हुए,
उसकी कातिल मुस्कान पर थे हम फ़िदा हुए|

सुबह-शाम उसके घर के चक्कर हम लगा रहे थे,
लग रहा था उसको भी हम कुछ-कुछ भा रहे थे,
भूख को हमारी उसकी जालिम अदाओं ने था मार डाला,
हमारी नींद का तो उसने जनाजा ही था निकला|

न दिन को चैन, न रातों को आराम,
हमारी जिंदगी तो उसने कर दी थी हराम,
बॉस से झिक झिक, घरवालों की उलाहना,
उसकी मोहब्बत में हम थे हद से गुजर जाना,

आखिर हमने कर ही डाला प्रेम का इजहार,
बदले में उसकी लानतों का मिला हमको हार,
उसकी शादी पहले ही तय हो चुकी थी किसीसे,
हमारा दिल न हो सका संतुष्ट बस इसीसे|

उसेक गम में जाम उठाया, बन गए देवदास,
जीवन जीने की हमारी खो गयी थी आस,
हम तो बस रह गए थे सबके लिए उपहास|

फिर हम झूमे नाचे, किया खूब डांस,
एक परी को दिल दिया, शुरू हुआ रोमांस,
उमंग वापस आई हैं, जिंदगी लाया हूँ मैं बुला,
पर पहले प्यार की याद को क्या मैं सकूंगा भुला?

Written by arpitgarg

January 5, 2011 at 5:28 pm

नींद शर्मा गयी

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आखें उसके दीदार के नशे में डूबीं थी ऐसे,
की नींद भी शर्मा के रह गयी रात भर,
लफ्ज़ मिले नहीं बहुत सोच कर,
जब मिले तो जबाँ दगा दे गयी,
हाथ घायल थे उसके भर स्पर्श से,
कलम उठाई तो सियाही सूखी निकली,
बहुत हिम्मत कर उस दिन स्टेशन पहुंचे हम,
जालिम ट्रेन को भी उसी दिन समय पर आना था,
निगाहों ने बस उसको ढूँढा सारी तरफ,
जब दिखी तभी बारिश आ गयी,
मिलना था उससे जब, ख्वाबों में,
कातिल एक बार फिर नींद दगा दे गयी|

Written by arpitgarg

August 28, 2010 at 3:18 am

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